Gyanesh Kumar : भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त की भूमिका में एक नया अध्याय
परिचय
19 फरवरी 2025 को, ज्ञानेश कुमार ने भारत के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के रूप में पदभार ग्रहण किया। उन्होंने राजीव कुमार का स्थान लिया और उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा। अपने अनुभव और प्रशासनिक दक्षता के साथ, वे भारतीय चुनाव प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
ज्ञानेश कुमार का जन्म 27 जनवरी 1964 को आगरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके अलावा, उन्होंने इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट्स ऑफ इंडिया (ICFAI) से बिजनेस फाइनेंस और हार्वर्ड विश्वविद्यालय, अमेरिका में पर्यावरण अर्थशास्त्र का अध्ययन किया।
प्रशासनिक सेवा में उत्कृष्ट करियर
1988 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी के रूप में, ज्ञानेश कुमार ने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया:
1. गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs)
- अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के दौरान कश्मीर डिवीजन का कार्यभार संभाला और इस ऐतिहासिक बदलाव में अहम भूमिका निभाई।
2. संसदीय कार्य मंत्रालय (Ministry of Parliamentary Affairs)
- भारत सरकार और संसद के बीच समन्वय सुनिश्चित किया और विधायी प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से संचालित करने में योगदान दिया।
3. सहकारिता मंत्रालय (Ministry of Cooperation)
- बहु-राज्य सहकारी समितियाँ (संशोधन) अधिनियम, 2023 को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL), राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL), और राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL) जैसी राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं की स्थापना में योगदान दिया।
चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यकाल
15 मार्च 2024 को चुनाव आयुक्त (Election Commissioner) नियुक्त किए गए ज्ञानेश कुमार ने चुनावी पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनके कार्यों के चलते, उन्हें मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया।अगर आपको ऐसे ही समाचार सबसे पहले चाहिये तो आप RashtraNews से जुड़ सकते हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में उनकी प्राथमिकताएँ
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चुनावी पारदर्शिता को बढ़ावा देना
- स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाना।
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तकनीकी नवाचार का उपयोग
- चुनावी प्रक्रियाओं को अधिक सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाना।
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समावेशिता और जागरूकता बढ़ाना
- मतदाता जागरूकता अभियानों को बढ़ावा देना और समाज के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित करना।
निष्कर्ष
ज्ञानेश कुमार का मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालना भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उनके नेतृत्व में, चुनाव आयोग निष्पक्षता, पारदर्शिता और समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ेगा। उनकी प्रशासनिक क्षमता और अनुभव से भारत की चुनावी प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाने की उम्मीद है।
।।धन्यवाद।।